आमला। वर्तमान सीईओ नगर पालिका आमला पूर्व में रहे नगर परिषद न्यूटन चिखली नितिन बिजवे के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने पद का दुरुपयोग कर परिजनों को अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में अपराध दर्ज किया है। जांच में सामने आया कि बिजवे ने अपने माता-पिता और पत्नी के नाम पर फर्म बनाकर नगर परिषद से ठेके दिलवाए। 2016 से 2020 के बीच इन फर्मों को टेंडर प्रक्रिया में शामिल कर सामग्री सप्लाई के नाम पर भुगतान कराया गया।जांच एजेंसी के अनुसार, बिजवे ने सरकारी पद का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया और कई बार खुद ही भुगतान की स्वीकृति दी। शिकायत की पुष्टि होने के बाद ईओडब्ल्यू ने दस्तावेज, भुगतान विवरण और निविदा प्रक्रिया की जांच कर मामला दर्ज किया है।
पत्नी, पिता और मां की फर्मों को मिला भुगतान
ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नितिन बिजवे की पत्नी दीपाली बिजवे की फर्म एमपी ग्रीन इंटरप्राइजेज को 2 लाख 81 हजार 997 रुपए, पिता गुणवंत राव बिजवे की फर्म यश इंटरप्राइजेज को 2 लाख 92 हजार 149 रुपए और मां शोभा बिजवे की फर्म जीआर इंटरप्राइजेज को 61 हजार 15 रुपए का भुगतान किया गया।
यह भुगतान 23 मार्च 2018 से 9 अक्टूबर 2018 के बीच किया गया जब बिजवे खुद सीएमओ पद पर पदस्थ थे। कुल भुगतान राशि 6 लाख 35 हजार 161 रुपए रही। ये फर्में जैम पोर्टल पर पंजीकृत थीं और नगर परिषद की निविदाओं में ऑनलाइन भाग लेती थीं। ईओडब्ल्यू ने इन सभी को मिली राशि को “पद के दुरुपयोग” का परिणाम माना है।
सीएमओ की गैरहाजिरी पर उठे सवाल, भाजपा पार्षदों ने हटाने की मांग की
वर्तमान में नितिन बिजवे आमला नगर पालिका में सीएमओ के रूप में पदस्थ हैं, लेकिन लंबे समय से बिना सूचना के कार्यालय नहीं आ रहे थे। इस पर नगरीय प्रशासन विभाग ने उनके स्थान पर विरेन्द्र तिवारी को कार्यभार सौंपा।
इसी बीच भाजपा के दस पार्षदों ने विधायक योगेश पंडाग्रे को पत्र देकर सीएमओ नितिन बिजवे को पद से हटाने की मांग की थी। पार्षदों ने पत्र में आरोप लगाया कि बिजवे नगर के विकास कार्यों में रुचि नहीं ले रहे और शासन के निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं।
अब ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज मामले के बाद पार्षदों की मांग को और मजबूती मिली है। बताया जा रहा है कि नगरीय प्रशासन विभाग जल्द ही इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर सकता है।