20 बच्चों की मौत का आरोपी डॉक्टर कोर्ट में पेश अधिवक्ताओं ने मांगी फांसी की सजा कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मौत का मामला, परासिया से आमला तक फैला था जाल

कोल्ड्रिफ सिरप दवाई बनाने वाली कंपनी के मालिक  को कोर्ट में किया गया पेश

बबलू निरापुरे की खास रिपोर्ट

छिंदवाड़ा। परासिया, पांढुर्णा और आमला क्षेत्र में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत के सनसनीखेज मामले में आरोपी दबाई कम्पनी के डारेक्टर (मालिक) रंगनाथन को शुक्रवार को परासिया न्यायालय में पेश किया गया स्वास्थ्य विभाग और (SIT) की जांच के बाद डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। डॉक्टर को अदालत लाने से पहले पुलिस ने परासिया थाने से कोर्ट परिसर तक भारी पुलिस बल की तैनाती की। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने बिना जांच और सैंपल रिपोर्ट के बच्चों को कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिख दिया था। यही सिरप पीने के बाद आमला ब्लॉक के ग्राम कलमेश्वरा के कुबरे, जामुनबिछुआ के गर्मित, गुंडेवाड़ी की रिया, तिरमहु की हर्षा, पांढुर्णा की प्रियंका, परासिया के मोहित और सोनाली सहित 20 बच्चों की मौत हो गई थी।मामले के बाद दवा कंपनी और सप्लाई चैन की भी जांच की जा रही है।स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर की पंजीयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। अदालत ने डॉक्टर को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस ने कहा कि सिरप की आपूर्ति और सैंपल जांच रिपोर्ट के आधार पर और गिरफ्तारी हो सकती है अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

अधिवक्ताओं ने की फांसी की मांग, कोर्ट परिसर में गूंजे नारे

डॉक्टर की पेशी के दौरान परासिया कोर्ट परिसर के बाहर अधिवक्ताओं और अभिभावकों ने नारेबाजी की। सभी ने मांग की कि निर्दोष मासूमों की जान लेने वाले डॉक्टर को मौत की सजा दी जाए। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टर की लापरवाही नहीं, बल्कि यह सोची-समझी व्यापारिक साजिश थी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने कमीशन के लिए नकली और घटिया दवाएं लिखीं।
अभिभावकों ने कहा कि उन्होंने डॉक्टर पर विश्वास किया था, लेकिन सिरप देने के बाद ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी। कोर्ट के बाहर कई महिलाएं बिलख पड़ीं और अपने बच्चों की तस्वीरें लेकर इंसाफ की गुहार लगाई।आमला और बोरदेही से भी परिजन कोर्ट पहुंचे थे।पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड लगाना पड़ा। कोर्ट परिसर में न्याय की मांग करते हुए लोगों ने कहा मासूमों के कातिल को फांसी दो!”मामले ने पूरे जिले में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।

सरकार ने बनाई जांच समिति, कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल दोबारा जांचे जाएंगे

इस दर्दनाक घटना के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति में फार्मा विशेषज्ञ, जिला स्वास्थ्य अधिकारी और खाद्य औषधि विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
कमीशन ने परासिया, पांढुर्णा और आमला ब्लॉक से कोल्ड्रिफ सिरप के सभी सैंपल जब्त कर लिए हैं। प्रारंभिक जांच में सिरप में डीईजी (डाइ-एथिलीन ग्लाइकोल) की मात्रा पाई गई है, जो बच्चों की किडनी फेल करने का कारण बनी।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। शासन ने पीड़ित परिवारों को फिलहाल 4 लाख की राहत राशि दी गई है, लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस ने ₹50-50 लाख मुआवजा और सीबीआई जांच की मांग की है।आमला ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे कर बताया कि अब भी 2041 बच्चे सर्दी-खांसी से ग्रस्त हैं। गांवों में मेडिकल टीम लगातार निगरानी कर रही है। परासिया, आमला और बोरदेही के अस्पतालों में मेडिकल जांच बढ़ा दी गई है।साथ ही फर्जी डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Leave a Comment

और पढ़ें

7k network

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें