आमला।नगर के बंधा रोड स्थित मोक्षधाम के पास संतोष राठौर के खेत से बीती रात अज्ञात चोरों ने बिजली की केबल चुरा ली। यह केबल उन्होंने डेहरी फार्म के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शन से जोड़ी थी। संतोष ने बताया कि लगभग 1800 फीट लंबी केबल खेत में बिछाई गई थी, जिसकी कीमत ₹3600 के करीब थी। अंधेरे का फायदा उठाकर चोरों ने पूरी केबल काटकर गायब कर दी, जिससे खेत का काम ठप पड़ गया है। चोरी की यह वारदात सुनसान इलाके में हुई, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि चोरों ने मौके का पहले से मुआयना किया होगा।
थाने में शिकायत, जवाब ने चौंकाया
जब पीड़ित किसान शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे, तो उन्हें उम्मीद थी कि पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी। लेकिन वहां मौजूद एएसआई ने संतोष से कहा – “पहले चोर का नाम बताओ, तभी एफआईआर लिखी जाएगी।” इस जवाब से किसान हक्का-बक्का रह गया। सवाल यह उठता है कि जब चोर पहचान में ही नहीं है, तो नाम कैसे बताया जाए? पुलिस का यह रवैया न केवल असंवेदनशील था, बल्कि कानून प्रक्रिया की मूल भावना के भी खिलाफ है। थाने में मौजूद अन्य लोगों ने भी इस जवाब पर हैरानी जताई। बाद में मामला बढ़ता देख एएसआई ने जांच के आदेश दिए, लेकिन अब लोगों का भरोसा उठता जा रहा है।
चोरी की घटनाएं बढ़ीं, कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में बिजली के सामान, ट्रांसफार्मर तार, मोटर और खेती के उपकरणों की चोरी लगातार बढ़ रही है। बावजूद इसके, थाना पुलिस की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। शिकायत के बाद भी न तो गश्त बढ़ाई जाती है, न ही संदिग्धों से पूछताछ होती है। लोगों का आरोप है कि जब कोई घटना होती है, तो पुलिस पीड़ित से ही उल्टे सवाल करने लगती है – जैसे चोर का नाम बताओ, गवाह कौन है, या रात को निगरानी क्यों नहीं की। इस रवैये से चोरों के हौसले बुलंद हो गए हैं और ग्रामीण भय के साए में जी रहे हैं। अब क्षेत्रवासी मांग कर रहे हैं कि पुलिस गश्त को नियमित करे, सीसीटीवी लगाने पर जोर दे और हर शिकायत को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्रवाई करे।