आमला। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जनजातीय समाज द्वारा पारंपरिक परिधानों में सजीव संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए विशाल रैली निकाली गई। इस अवसर पर तोरणवाड़ा सरपंच लक्ष्मण धुर्वे एवं उपसरपंच यसवंत हुडे रेली का स्वागत किया एवं फल और फुलाव वितरण कर सभी विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी और सुबह से ही नगर की गलियां ढोल-नगाड़ों, मांदर की थाप और पारंपरिक गीतों की गूंज से सराबोर रहीं। महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों और चांदी के आभूषणों से सजी थीं, जबकि युवाओं ने पारंपरिक नृत्यों के साथ आदिवासी गौरव का प्रदर्शन किया। रैली में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भागीदारी उल्लेखनीय रही। रैली नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल हवाई पट्टी पहुंची, जहां उपस्थित जनसमूह ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया। जगह-जगह फूल वर्षा कर अतिथियों और प्रतिभागियों का सम्मान किया गया।
आदिवासी दिवस पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
रैली के बाद नगर के हवाई पट्टी मैदान पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न जनजातीय समुदायों के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य, गीत और लोककथाओं का मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बस्तर का गौर नृत्य, गोंड समुदाय का कर्मा और बैगा नृत्य की प्रस्तुतियों ने तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी। मंच पर आदिवासी समाज के वरिष्ठजनों ने अपने पूर्वजों के संघर्ष, जंगल-जमीन के संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में ग्रामीण अंचल से आए कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से समाज के इतिहास को जीवंत किया। दर्शकों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुन पर झूमते हुए इस सांस्कृतिक विरासत को अपनाने और संरक्षित रखने का संकल्प लिया।
नगर के हवाई पट्टी पर हुआ सांस्कृतिक समारोह
