आमला। बैतूल जिले की जनपद पंचायत आमला के ग्राम पंचायत ठानी में भ्रष्टाचार का ताज़ा मामला सामने आया है, जिसने ईमानदारी की सारी हदें पार कर दीं। पंचायत दर्पण पर अपलोड किए गए एक बिल में मात्र 445 फोटोकॉपी के लिए 3 रुपए प्रति कॉपी के हिसाब से 1275 रुपए और 40 प्रिंटआउट के लिए 10 रुपए प्रति कॉपी की जगह 6800 रुपए का चौंकाने वाला बिल लगाया गया है। कुल मिलाकर 8075 रुपए का बिल एक किराना एवं ऑनलाइन सेंटर से जारी किया गया, जो बाजार दर से कई गुना अधिक है, और यह ग्रामीणों के टैक्स के पैसों की खुली लूट जैसा है।
प्रिंटआउट की दर 170 रुपए — महंगाई या मिलिभगत?
जानकारी के अनुसार बाजार में एक प्रिंटआउट की कीमत 5 से 10 रुपए होती है, लेकिन ठानी पंचायत के इस बिल में प्रति प्रिंट की दर लगभग 170 रुपए निकल रही है। यह दर देखकर लगता है मानो गांव में महंगाई ने आसमान छू लिया हो, या फिर यह साफ-साफ अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की मिलीभगत का नतीजा हो। ऐसे मनमाने बिल लगाने से यह स्पष्ट हो रहा है कि ग्राम स्तर पर भ्रष्टाचार का जाल कितना गहरा है और ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई कैसे चुपचाप लूटी जा रही है।
अधिकारियों की चुप्पी, बेफिक्री और जिम्मेदारी कहा है
आमला जनपद पंचायत क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में इसी तरह के घोटाले हो रहे हैं, जहां फर्जी फर्मों के नाम से बिल लगाकर सरकारी राशि का गोलमाल किया जा रहा है और टैक्स चोरी भी की जा रही है। यहां सवाल यह भी उठता है कि जनपद पंचायत के अधिकारियों की जिम्मेदारी आखिर है क्या, यदि उन्हें इस तरह के मामलों की जानकारी तक नहीं होती? क्या वे सिर्फ फाइलों पर दस्तखत करने के लिए बैठे हैं? ग्राम पंचायत ठानी के सचिव राजेन्द्र गंगारे का कहना है कि उन्हें इस बिल की जानकारी नहीं है, वहीं जनपद पंचायत आमला के कार्यपालन अधिकारी संजीत श्रीवास्तव ने कहा कि जानकारी मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जनता यह जानना चाहती है कि कार्रवाई कब और कितनी सख्ती से होगी, या यह मामला भी बाकी घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा।