108 कुण्‍डीय शक्तिसंवर्धन महायज्ञ मुख्‍य वेदी कलश के समक्ष होगा करोड़ो गायत्री महामंत्र का जाप

आमला।अखिल विश्‍व गायत्री परिवार द्वारा आयोजीत शक्तिसंवर्धन 108 कुण्‍डीय गायत्री महायज्ञ के कलश के आतें ही पुरा परिसर यज्ञ की जयकारों से गुंज उठा पिछले 1 वर्ष से गायत्री परिवार के परिजन इस यज्ञ की तैयारी कर रहें है करोड़ो गायत्री महामंत्र का जप होगा इस मुख्‍य वेदी के कलश के सामने लगातार गायत्री परिवार के परिजन इस कलश के माध्‍यम से घर-घर गाँव-गॉंव और जिले के सभी शहरों समेंत बैतूल जिले के सीमावर्ती शहरों और गायत्री संस्‍थानों में स्‍थापित होगा

यह कलश और प्रत्‍येक जगह इस मुख्‍य वेदी के कलश के समक्ष सामूहिक जप यज्ञ और पुरश्‍चरण सम्‍पन्‍न करेंगे साधक जहां-जहां यह कलश पंहुचेगा वहां वहां चौबीस हजार से पॉंच लाख मंत्र जप सम्‍पन्‍न होगा ऐसे 18 दिसम्‍बर 2025 इस मुख्‍य वेदी कलश के समक्ष करोड़ो की संख्‍या में मंत्र जप सम्‍पन्‍न होगा

विदित हो की अखिल विश्‍व गायत्री परीवार के संस्‍थापक पं आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा लगातार 24 वर्षो तक प्रतिवर्ष चौबीस लाख गायत्री महामंत्र का जप कर गायत्री महाशक्ति के प्रत्‍यक्ष दर्शन का लाख लिया था और वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा एवं अखण्‍ड दीप की जन्‍मशताब्‍दी वर्ष होने के कारण भी यह वर्ष गायत्री परिवार के द्वारा विभिन्‍न साधनाओं यज्ञ अनुष्‍ठान करके मनाया जा रहा है।


डॉ कैलाश वर्मा जिला समन्‍वयक अखिल विश्‍व गायत्री परिवार जिला बैतूल ने बताया की जब कोई दीपक लगातार चौबीस घंटे प्रज्‍वलित रहता है तो वह सिद्ध हो जाता है ऐसे में आने वाले दिनों में गुरूदेव द्वारा सन् 1926 से चौबीस लाख मंत्र जप अनुष्‍ठान में प्रज्‍वलीत दीप जिसे प्रज्‍वलीत हुए सौ वर्ष हो चुकें है वह अपने आप में स्‍वयं सिद्ध अखण्‍ड दीप है जिसें गायत्री परिवार द्वारा जन-जन तक और इस देश और विदशों में आखरी गॉंव तक पहुचाने हेतु गायत्री परिवार आयोजन कर रहा है।


वहीं मुख्‍य ट्रस्‍टी बी पी धामोड़े ने बताया कि बैतूल जिले के संस्‍थानों द्वारा उनके संस्‍थान में पूर्व अनुमति से इस कलश को एक दिवसीय या अनुष्‍ठान परक साधनाओं के लिए आमंत्रित किया जा सकेगा उसके लिए उन्‍हें पूर्व में सूचना देकर समय स्‍थान और दिन बताना होगा जिसकें पश्‍चात उस संस्‍थान में एक दिवसीय या दो दिवसीय सामूहिक साधना और यज्ञ या दिपयज्ञ के माध्‍यम से यज्ञ सम्‍पन्‍न होगा।


अनुष्ठानों की तीन श्रेणियां हैं (1) लघु (2) मध्यम और (3) पूर्ण । लघु अनुष्ठान में 24 हजार जप 1 दिन में पूरा करना पड़ता है। मध्यम सवा लाख का होता है। इसके लिए 40 दिन की अवधि नियत है। पूर्ण अनुष्ठान 24 लाख जप का होता है। उसमें एक वर्ष लगता है।
मंत्र जप की तरह मंत्र लेखन के भी अनुष्ठान किये जा सकते हैं।

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