आमला। सरकारी अधिकारियों की संवेदनशीलता पर सवाल उठते जा रहे हैं। नगर में जहां गरीबों के छोटे-छोटे फट्टे-कचरे पर तत्काल कार्रवाई की जाती है, वहीं सफेद कॉलर नेताओं और प्रभावशाली लोगों द्वारा सरकारी भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण और होर्डिंग लगाकर किया गया अतिक्रमण वर्षों से बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, अधिकारी जिस सरकारी कार्यालय में मीटिंग या अन्य कार्यों के लिए नियमित रूप से जाते हैं, वही स्थान नेताओं द्वारा अतिक्रमित होकर बड़े-बड़े होर्डिंग से भर दिया गया है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से आज तक किसी भी सरकारी वफादार अधिकारी की नज़र इस पर नहीं पड़ी।वैसे तो नगर में धौंस बनाने के लिए एक विभाग के अधिकारी अपने पुराने जगह के रवैए से नगर में रौब जमाना चाह रहे है।लेकिन इन की ईमानदारी और रौब केवल गरीबों,मजलूमों और असहाय लोगों के लिए ही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब गरीब लोगों के मामूली अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई होती है, तब बड़े स्तर पर सरकारी स्थानों पर किए जा रहे अतिक्रमण पर चुप्पी क्यों।अतिक्रमण मुक्त नगर की आवश्यकता है लेकिन कोई मां का और कोई मौसी का ये व्यवहार ठीक नहीं।
इस मामले में कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जनता में प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
आगे की कार्रवाई के लिए सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से मांग की जा रही है कि वे इस अन्याय पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि सरकारी संपत्ति सुरक्षित रह सके और सबके लिए समान न्याय व्यवस्था सुनिश्चित हो।
इस संबंध में एसडीएम से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
इस अतिक्रमण के बाद नगर के सभी होर्डिंग्स का सर्वे कराएंगे।